अहोई अष्टमी पर संतान प्राप्ति तथा उनके सौभाग्यवर्द्धन के लिए करें ये उपाय
जोत्यिश Oct 27, 2021 at 02:35 PM , 1164मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़, मो-9815619620
मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा करने से माता अहोई संतानों को लंबी उम्र का वरदान देती हैं. ऐसे में इस दिन निसंतान लोगों को कुछ खास उपाय करने चाहिए.
· संतान की प्राप्ति के लिए अहोई माता की पूजा करने के बाद भगवान शिव और पार्वती माता को दूध और भात का भोग लगाएं. साथ ही उस दिन बनाए भोजन का आधा हिस्सा गाय के लिए निकाल दें. शाम के समय पीपल पर दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करें. ऐसा करने से अहोई माता की विशेष आशीर्वाद मिलता है.
· निसंतान माताएं अहोई अष्टमी के दिन चांदी के 9 मोतियों को माता अहोई का ध्यान करते हुए लाल धागे में पिरो लें और उसकी एक माला बना लें. फिर उस माला को अहोई पूजा के दौरान अर्पित करते हुए संतान प्राप्ति की मनोकामना मांगे.
· –संतान की प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करें. घर से सभी सदस्य फूल लगाएं और बीच में एक तुलसी का पौंधा भी लगाएं.
· अहोई अष्टमी के दिन से भैया दूज तक पारद शिवलिंग पर ब्रह्म मुहूर्त में नियम से दूध से अभिषेक करें. साथ ही माता गौरी से संतान प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगे और मन में जो भी हो उसे बता दें.
- मां पार्वती के मंत्र - "ॐ ह्रीं उमाये नमः" 108 बार जाप करें.
- संतान को गुड़ खिलाएं और अपने हाथों से उसके गले में चेन पहनाएं.
· .संतान प्राप्ति की इच्छुक महिलाएं अहोई अष्टमी के दिन से 45 दिनों तक लगातार भगवान गणेश की मूर्ति पर बिल्ब पत्र चढ़ाएं और हर रोज ऊं पार्वतीप्रियनंदनाय नम: मंत्र का 11 माला जाप करें। ऐसा करने से आपकी संतान प्राप्ति की इच्छा जल्द ही पूर्ण होगी।
· अहोई अष्टमी के दिन पति और पत्नि को राधा कुंड में स्नान अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन राधा कुंड में स्नान करने से संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है।
· जिन माताओं का अपने बच्चों के साथ रिश्ता मधुर नहीं है। उन्हें अहोई माता की पूजा में पीली सरसों रखनी चाहिए और तारों को अर्घ्य देने के बाद उस पीली सरसो को पीले कपड़े में बांधकर अपने बच्चों की कपड़ों की अलमारी में रख दें।ऐसा करने से आप और आपके बच्चों के रिश्ते में मधुरता आ जाएगी।
· यदि आपके बच्चे को गुस्सा अधिक आता है तो आप अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता को लाल रंग के पुष्प और चावलों को लाल रंग से रंगकर चढ़ाएं और इसे लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपने बच्चे के कमरे में रख दें धीरे- धीरे आपके बच्चे का गुस्सा कम होता जाएगा।
· अगर आपकी संतान की तरक्की में बार- बार बाधा आ रही है या फिर उसकी तरक्की नहीं हो पा रही है तो आप अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता को हलुआ और पूड़ी बनाकर चढ़ाएं और इसके बाद उसे गरीब बच्चों में बांटे दें। ऐसा करने से आपकी संतान को जल्द ही तरक्की मिल जाएगी।
· अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की तस्वीर पर सिंदूर चढ़ाना चाहिए। सिंदूर चढ़ाने से उनकी संतान के सुखों में वृद्धि होगी और कार्यक्षेत्र में उन्हें तरक्की अवश्य मिलेगी।
· भगवान शिव को सफेद चंदन अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से उनके संतान के जीवन में सुख शांति का वास होगा।
· अहोई माता को धन का दान अर्पण करना चाहिए। आप चाहें तो घर में एक पौधा भी लगा सकती है। इससे आपकी संतान के घर में बरकत आएगी।
· अहोई माता को फल का भोग लगाना चाहिए। अहोई माता को फल का भोग अर्पण करने से संतान का स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहेगा।
· अहोई माता को फल का भोग लगाना चाहिए। अहोई माता को फल का भोग अर्पण करने से संतान का स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहेगा।
· महिलाओं को 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी संतान का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और उसको अपने जीवन में कभी किसी भी चीज का भय नहीं रहेगा।
· पूजा करते समय उन पर सफेद पुष्प अर्पण करने चाहिए। अहोई माता को सफेद फूल प्रिय हैं। इससे प्रसन्न होकर अहोई माता आपकी संतान को धन लाभ अवश्य प्रदान करेंगी।
· अहोई माता को श्रृंगार अर्पित करें। इससे आपकी संतान को कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
· अहोई माता की कथा सभी को सुनाएं। यदि आप सबके सामने माता की कथा कहेंगी तो इससे आपकी संतान को सद्बुद्धि प्राप्त होगी और वह हमेशा धर्म के मार्ग पर चलेगी।
· ध्यान लगाकर माताओं को भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मानते आपकी संतान को सफल बनाएगा और उसकी सफलता में कोई भी बाधक नहीं बनेगा।
· अहोई माता को भोग स्वरूप खीर चढ़ानी चाहिए। इससे अहोई माता प्रसन्न होकर आपकी संतान को सभी प्रकार के सांसारिक सुख प्रदान करेंगे।
· पूजा के दौरान उन्हें आलता अर्पित करें और उसी आलता को खुद भी लगाएं। आपके ऐसा करने से आपकी संतान अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेगा, कोई उसे धोखा नहीं दे पाएगा।
· अहोई माता को सिंदूर अर्पण करना चाहिए। इससे अहोई माता प्रसन्न होंगी और आपकी संतान को भविष्य में धन-वैभव की प्राप्ति होगी।































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