दिवाली के पंच पर्व 2 नवंबर ,मंगलवार से 6 नवंबर तक. जानें प्रत्येक दिन का शुभ मुहूर्त
हेडलाइंस Oct 29, 2021 at 09:41 AM , 1403
- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्,चंडीगढ़, मो- 98156-19620.
रामायण को लेकर कई कहानियां हैं, जब भी दशहरा आता है तो उसके 20 दिन बाद दिवाली आती है. जब गूगल मैप पर लंका और अयोध्या की दूरी देखी जाती है तो यह 3150 किलोमीटर बताता है और इसमें वॉकिंग डिस्टेंस भी 20 दिन आता है. भगवान राम को वहां से अयोध्या आने में 20 दिन ही लगे थे. दीपावली का त्यौहार श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
पंचोत्सव
जैसे नवरात्रि पर नौ दिन, दुर्गा माता के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है, ठीक उसी भांति दीवाली के अवसर पर पंचोत्सव मनाने की परंपरा है। किस दिन क्या पर्व होगा और उस दिन क्या छोटे छोटे कार्य व उपाय करने चाहिए, उसका दैनिक विवरण संक्षिप्त रुप में हम दे रहे हैं।
दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक मनाने का विधान है। इसकी शुरूआत धनतेरस से हो जाती है इसके बाद नरक चौदस अन्नकूट और भैय्या दूज का पर्व मनाया जाता है।
दीपावली से जुड़े पांच पर्व अपने साथ सुख-समृद्धि, आरोग्यता, प्रेम और स्नेह को समेटे हुए है. धनतेरस से प्रारंभ होकर पावन पर्व नरक चतुर्दशी, दीपावली महापर्व, गोवर्धन पूजा से होते हुए भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले भाई दूज पर जाकर समाप्त होता है. आस्था और विश्वास के इन पांच दिनों में अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार से पूजा करके सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.
विभिन्न पर्वों के दिवस एवं पर शुभ मुहूर्त
1-धनतेरस-02 नवंबर 2021
दीपावली के पांच महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह पावन पर्व 02 नवंबर 2021 को पड़ने जा रहा है. धनतेरस के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करने वाले धनवंतरि की विशेष पूजा काविधान है. इस दिन को किसी भी प्रकार का सामान आदि खरीदने के लिए अत्यंत ही शुभ माना जाता है. इस दिन प्रदोषकाल में यमराज के लिए चौमुखा दीपक मुख्य द्वार पर जलाया जाता है. इस साल कार्तिक अमावस्या कि तिथि 04 नवंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से शुरू हो कर 05 नवंबर को रात 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगी।
धनतेरस 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
धनतेरस 2021- 02 नवंबर, मंगलवार
धनतेरस मुहूर्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात के 08 बजकर 11 मिनट तक
धनतेरस पर शुभ खरीदारी की अवधि :1 घंटे 52 मिनट तक
प्रदोष काल :17:35 मिनट से 20:11 मिनट तक
वृषभ काल :18:18 मिनट से 20:14: मिनट तक
2-नरक चतुर्दशी-03 नवंबर
-दीपावली महापर्व का यह दूसरा दिन होता है. जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. यह पर्व इस साल 03 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा. नरक से जड़े दोष से मुक्ति पाने के शाम के समय द्वार पर दिया जलाया जाता है. मान्यता यह भी है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था, इसलिए उनके भक्त इस दिन विधि-विधान से उनकी जयंती मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16,100 कन्याओं को उसके चंगुल से मुक्त कराया था. इस पर्व को रूप चौदस भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर उबटन लगाकर स्नान करने से रुप एवं सौंदर्य में वृद्धि होती है.
इस वर्ष नरक चतुर्दशी का त्योहार 04 नवंबर 2021, गुरुवार को मनाया जाता है। यह धनतेरस के बाद मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को कई और नामों से भी मनाया जाता है जैसे- नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि। दिवाली से पहले मनाए जाने के कारण इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है। घर के कोनों में दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है।
तेल मालिश का समय ) :सुबह 06:06:05 से 06:34:57 तक
अवधि :0 घंटे 28 मिनट
3-दीपावली-04 नवंबर
दीपों से जुड़ा महापर्व दीपावली का पावन&nbs































Comments