कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर उत्तर प्रदेश, स्थानीय रोजगार के लिए जिलावार उद्योगों की पहचान

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई अभिनव पहल

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए  नई पहल शुरू 

जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों के माध्यम से कार्य योजना बनाई जा रही है

प्रत्येक जिले में पांच शीर्ष सेक्टरों की पहचान की जा रही है, जिसमें स्थानीय उद्योगों की मांग और रोजगार की संभावनाएं शामिल हैं

सेक्टरों में कार्यरत अग्रणी कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा

मुख्यमंत्री का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाना है और यह योजना 'लोकल फॉर वोकल' की भावना को साकार करती है

लखनऊ: 04 जुलाई, 2025

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने तथा उद्योगों की वास्तविक मांग के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन  ने एक नई रणनीति की शुरुआत की है। इस रणनीति के अंतर्गत पहली बार मिशन द्वारा जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों के माध्यम से कार्य योजना बनाई जा रही है।

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इस पहल के तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में जिला प्रशासन की सहायता से पांच-पांच शीर्ष सेक्टर्स  की पहचान की जा रही है। इन सेक्टरों में स्थानीय उद्योगों की मांग, रोजगार की संभावनाएं तथा तकनीकी दक्षता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जा रहा है। इसके उपरांत, इन चयनित सेक्टरों में कार्य कर रही पांच-पांच अग्रणी कंपनियों या औद्योगिक इकाइयों को चिन्हित किया जाएगा। इन कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर युवाओं को उनकी मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षित युवाओं को इन इकाइयों में सीधे रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इससे युवाओं को अपने ही जिले में गुणवत्तापूर्ण रोजगार मिलेगा ।

कौशल विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य  उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी कार्यशील जनसंख्या को कुशल बनाकर प्रदेश को एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाना है। यह योजना इसी दिशा में उठाया गया ठोस कदम है। यह रणनीति ‘लोकल फॉर वोकल’ की भावना को साकार करती है, जिससे उद्योगों को स्थानीय प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी, उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और युवाओं को अपने घर के निकट ही रोजगार प्राप्त होगा। इस योजना के ज़रिए सरकार युवाओं में न केवल तकनीकी दक्षता विकसित कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान, आर्थिक स्थायित्व और स्थानीय विकास में भागीदारी का अवसर भी दे रही है।

कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक  पुलकित खरे ने  सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर इस अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की है। इस अभियान को आगामी तीन वर्षों में चरणबद्ध ढंग से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। प्रत्येक चरण में जनपद स्तर पर उद्योगों, प्रशासनिक अधिकारियों, प्रशिक्षण प्रदाताओं और मिशन टीम के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग भी की जाएगी।

बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्य विकास अधिकारी जनपद के उद्योगों के साथ समन्वय स्थापित कर मांग आधारित सेक्टरों और इकाइयों की पहचान शीघ्र सुनिश्चित करें, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समयबद्ध रूप से शुरू किया जा सके। यह योजना केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को उद्योग-समन्वित कौशल प्रदान करना है, जिससे उन्हें प्रशिक्षुता, इंटर्नशिप और स्थायी रोजगार से सीधे जोड़ा जा सके। मुख्य विकास अधिकारियों को 26 सेक्टर की लिस्ट दी गयी है जिसमें से 5 सेक्टर को चयनित करना है।

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