सहायता राशि न मिलने से बाढ़ पीड़ित नारकीय जीवन जीने को विवश

अन्य खबरे , 37

तहसील दिवस में एसडीएम को सुनाई अपनी व्यथा

धौरहरा खीरी। क्षेत्र में बह रही घाघरा शारदा नदी की मार से बेहाल हुए लोगों ने दीपावली पर्व के एक दिन पूर्व तहसील पहुंचकर जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी ब्यथा बताने का प्रयास किया मगर जिम्मेदार अधिकारियों की गैर-मौजूदगी से बेचारे कटान पीड़ित बच्चे महिलाएं व पुरुष मायूस होकर अपने अपने घरों को लौट गए। सोमवार को तहसील सभागार में चल रहे समाधान दिवस मे कटान पीड़ितो द्वारा एसडीएम धौरहरा को शिकायती पत्र देकर उन लोगों ने अपनी अपनी दास्तान सुनाई।
मालूम हो कि तहसील क्षेत्र प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका से कराह उठता है। इस वर्ष भी क्षेत्र में बह रही घाघरा व शारदा नदियों की मार व कटान से बेहाल परिवारों को शासन द्वारा आर्थिक सहायता देने के आदेश जारी होने के बाद सर्वे कार्य शुरू किया गया मगर क्षेत्र से बाढ़ समाप्त होने के बावजूद भी शासन द्वारा जारी आदेशानुसार आर्थिक सहायता प्राप्त न होने से सोमवार को विकास खंण्ड ईसानगर की ग्राम पंचायत गौरा के मजरा डुडंकी निवासी दर्जनों ग्रामीणों द्वारा अपनी अपनी दास्तान सुनाने तहसील सभागार में आयोजित संम्पूर्ण समाधान दिवस मे एसडीएम धौरहरा राजेश कुमार को शिकायती पुलिंदा सौंपा।
सूत्रों की माने तो कटान पीड़ित बीते बुधवार दीपावली त्यौहार के चलते तहसील मुख्यालय पर किसी जिम्मेदार अधिकारी के न मिलने से आहत होकर महिलाएं बच्चे व पुरुष वापस लौट गए थे उपरोक्त गांव निवासी अमरकांत, प्रमोद,अरुण,अम्बरीष,मनोरथ, हीरालाल,राजकुमारी,पराना,कुसुमा,आशा,पप्पू,हरिकांत, फूलमती,अनीता,मुन्नीदेवी,नीलम,प्रदीप,आंशीदेवी,केशन कुमारी, गोपाल,रजनीश आदि कटान पीड़ितो द्वारा एसडीएम व तहसीलदार धौरहरा को लिखे शिकायती पत्र में कहा गया कि हमारे गांव में घाघरा नदी द्वारा 30 मकान पक्के व 16 मकान झोपड़ी वाले 30 अगस्त से 30 सितम्बर तक घाघरा नदी में प्रवाहित/समाहित हो गये है। शासन द्वारा जारी आर्थिक सहायता गांव के 10 पक्के मकान व 6 झोपड़ी वालो को ही मिली है शेष 20 पक्के मकान व 10 झोपड़ी वालों को सहायता राशि अभी तक नहीं मिल पाई है।इस बारे में जानकारी करने पर मौजूद अधिकारियों द्वारा आज कल कह कर लोगों को टरकाया जा रहा है।शिकायत में मौजूद सभी लोग गरीब बेसहारा होने के साथ रहने तक की जगह नहीं बची है और जंगल किनारे तिरपाल के सहारे जीवन यापन करने के साथ जंगली जानवरों से खतरा बना होने के कारण नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। पत्र के अनुसार कटान पीड़ितों में कुसुमा पत्नी कमलेश,मनोरथ पुत्र गेंदें, रजनीश पुत्र गेंदें, हरिकांत पुत्र जुरासन, गोपाल पुत्र मथुरा को नदी कटान का शासन द्वारा जारी आर्थिक सहायता का लाभ जिम्मेदारों की लापरवाही से नहीं मिल पा रहा है। बाढ़ व कटान प्रकरण का समाधान दिवस मे ग्रामीणों से शिकायती पत्र पाते ही एसडीएम धौरहरा ने मौजूद प्रपत्रों के आधार पर स्थलीय जांच कराने के लिए तहसीलदार धौरहरा आदित्य विशाल के नेतृत्व में नायब तहसीलदार फिरोजाबाद शंशाक शेखर मिश्रा, कानूनगो लेखपालों के अलावा एडीओ पंचायत ईसानगर व एडीओ आईएसबी ईसानगर के द्वारा स्थलीय जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात सामने आई है।
इस मामले में एसडीएम धौरहरा राजेश कुमार ने बताया कि उपरोक्त मामले में गठित टीम की रिपोर्ट आने के बाद सहायता राशि दिला दी जाएगी। कुछ गड़बड़ी की सुगबुगाहट आने से जांच होगी। 
शिकायती पत्र के अनुसार विकास खंण्ड ईसानगर के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा चयनित वर्ष 2022-23 की आवास योजना में हीरालाल पुत्र मथुरा, प्रमोद पुत्र गेंदें,पराना पत्नी शम्भू,फूलमती पत्नी जुरासन,अमरीस पुत्र लखन,राजकुमारी पत्नी राजकुमार केशन कुमारी पत्नी केशन, मिहीलाल पुत्र राजू,उषा देवी पत्नी बृजकिशोर,आशादेवी पत्नी गेंदें, मुन्नी देवी पत्नी मन्नीलाल, प्रदीप पुत्र लखन,अनीता पत्नी सुरेश, अमरकांत पुत्र जुराखन को आवास योजना का लाभ विकास खंण्ड ईसानगर के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नही दिया गया है। जबकि इन लोगों के पास पहले से जो कुछ था वह घाघरा नदी की तेज व विनाशकारी धारा में विलीन/समाहित हो चुका है।

Related Articles

Comments

Back to Top