अलविदा पंकज उदास‌ साहब..

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लखनऊ।
अलविदा पंकज उदास‌ साहब बात 1986/1987 की है  एक फिल्म आई थी "नाम" जिसका निर्माण जुबली स्टार राजेन्द्र कमार ने किया था उनके पुत्र कुमार गौरव‌ और संजय दत्त और अमृता सिंह अभिनीत फिल्म थी एक एनआरआई किरदार और एक मध्यम वर्गीय परिवार के जद्दोजहद की कहानी उस फिल्म के केंद्र में एक गाना था चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है...
जो बाकायदा स्टेज पर फिल्माया गया पंकज उधास जी के ऊपर वो गाना उसके शब्द और पंकज जी की आवाज सब एक दूसरे के संपूरक थे आज भी परदेश में बसा व्यक्ति अगर ये गाना सुन‌ ले देख ले तो बिना रोये नहीं रह सकता...
तेरे बिन जब आई दिवाली,
दीप नहीं दिल जलें है खाली...
तेरे बिन आई होली,
पिचकारी से छूटी गोली...
आजा उम्र बहुत है छोटी, 
अपने घर में भी है रोटी...
डोली में जब बैठी बहना 
रस्ता देखे रहे थे नैना...
एक गाना एक गीत  और पंकज उधास साहब भारतीय चित्र पट पर अमर हो गये आपने बहुत सारी ग़ज़लें गाई फिल्मों के लिए गीत भी गाये लेकिन "नाम" फिल्म का ये गीत कालजई हो गयाअमर हो गया नमन पंकज उधास साहब...

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