पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मौत पर परिजनों का शव सड़क पर रख काटा हंगामा

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के. के. शुक्ला

लखीमपुर खीरी। तीन अप्रैल को थाना मितौली क्षेत्र के गांव पकरिया जलालपुर में लापता पांच साल की बच्ची अंशू की गला दबाकर हत्या की गई थी। लापता होने के 26 घंटे के बाद उसका शव घर से महज 100 दूरी पर बरामद हुआ था। इस मामले में ही पुलिस ने गांव के ही आसाराम को हिरासत में लिया था। रात में आसाराम की मौत हो गई। इससे पुलिस में खलबली मच गई। थानाध्यक्ष का कहना है कि बच्ची की हत्या में शुक्रवार की शाम चार बजे आसाराम को थाने लाया गया। आसाराम का पेट खराब था, उसको सीएचसी ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रात करीब 10 बजे उसकी मौत हो गई। बताते चलें जिला अस्पताल से शव गांव पहुंचने के बाद से ही लोगों में जबरदस्त आक्रोश था। पुलिस की तमाम कोशिशें असफल रहीं। आक्रोशित लोगों और पुलिस के बीच कई बार तीखी नोक झोंक भी हुई। करीब पांच घंटे तक चली बातचीत के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो बड़ी संख्या में लोग परिजनों के साथ कस्ता चौराहा की तरफ कूच कर दिया।
इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो ग्रामीणों के बीच नोक झोंक,धक्का मुक्की भी हुई। ग्रामीणों ने कस्ता चौराहे पर पहुंच कर जाम लगा दिया।
मृतक आशाराम के परिवार वालों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने आशाराम के साथ काफी बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया। उसे पहले पट्टों से पीटा गया। यहां तक बिजली का करंट भी लगाया गया। इससे आशाराम की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। पुलिस जब आशाराम को पकड़ कर घर से पूछताछ के लिए लाई थी। तब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था। पुलिस की पिटाई और करंट लगाने से ही आशाराम की मौत हुई है। मौके पर मौजूद एएसपी नैपाल सिंह ने मोर्चा संभाल रखा है। वह जाम खुलवाने की कोशिश कर रहे हैं।

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