हिन्दू धर्म में मन्त्रों का विशेष महत्व

जोत्यिश , 2324

हिन्दू धर्म में मन्त्रों का विशेष महत्व माना गया है ऐसी कोई पूजा-अर्चना नहीं है, जहां मंत्रोच्चारण ना किया जाता हो यूं तो मां दुर्गा, अपने भक्तों की पुकार केवल सच्ची श्रद्धा से प्रार्थना करने पर ही सुन लेती हैं परंतु माना गया है कि दुर्गा पूजा के आठवें दिन, मां के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करने से पूजा का लाभ दोगुना हो जाता है कहा जाता है कि नवरात्रि में महा अष्टमी पर मां दुर्गा के आठवें अवतार “मां महागौरी” की पूजा-अर्चना की जाती है इस खास दिन, मां दुर्गा के पूजन में पुष्पांजलि मंत्र का जाप कर पुष्प अर्पित किए जाते हैं तो आइए जानते हैं पुष्पांजलि मंत्र का महत्व और इसके लाभ...
नवरात्रि में पुष्पांजलि का विशेष महत्व माना जाता है नवरात्रि के आठवें दिन, यानी कि अष्टमी को माता रानी को पुष्पांजलि अर्पित की जाती है इसके बाद, मां महागौरी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है इस दौरान, भक्त, पुष्पांजलि मंत्र के जाप के साथ मां दुर्गा को फूल अर्पित करते हैं अष्टमी पुष्पांजलि, बंगाल में खास महत्व रखती है यहां सप्तमी की रात्रि और अष्टमी की सुबह, माता रानी को पुष्पांजलि अर्पित की जाती है।पुष्पांजलि मंत्र के द्वारा भक्त, मां दुर्गा से अपनी गलतियों की क्षमा याचना करते हैं मान्यता है कि अष्टमी पुष्पांजलि मंत्र से प्रसन्न होकर मां दुर्गा, अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और अपनी कृपा से अपने भक्तों के घरों को सुख-समृद्धि और शांति से परिपूर्ण रखती हैं।
प्रथम पुष्पांजलि मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
द्वितीय पुष्पांजलि मंत्र
ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी ।
आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते ॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः ॥
तृतीय पुष्पांजलि मंत्र
ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥१॥
सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥२॥
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥३॥
मान्यता है कि अगर कोई भक्त मन में पूर्ण श्रद्धा रखकर इन मन्त्रों के जाप से मां की पूजा-अर्चना करता है तो माता उसकी हर मनोकामना को पूरा करती हैं और उस पर कोई संकट नहीं आने देतीं।

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