*”विश्व दिव्यांग दिवस” के अवसर पर राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण*

जनपत की खबर , 16

लखनऊ 28 जून। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, लखनऊ रजनीश किरन ने बताया है कि 03 दिसम्बर 2024 को ”विश्व दिव्यांग दिवस” के अवसर पर दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं आदि को राज्य स्तरीय पुरस्कार दिये जाने हेतु आवेदन-पत्र आमंत्रित किये जाते है। नियमावली में राज्य पुरस्कारों हेतु 12 विभिन्न श्रेणियों की व्यवस्था की गयी है। राज्य स्तरीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों को प्रदान किये जाते है।
उन्होंने बताया कि दक्ष दिव्यांग कर्मचारी/स्वनियोजित दिव्यांगजन के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन हेतु सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट अधिकारी या एजेंसी के लिए सेवायोजकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति तथा सर्वश्रेष्ठ संस्था के लिये राज्य स्तरीय पुरस्कार, प्रेरणास्त्रोत हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन के जीवन सुधारने के निमित्त सर्वश्रेष्ठ नवीन अनुसंधान या उत्पाद विकास के लिये राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन हेतु बाधामुक्त वातावरण के सृजन हेतु सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन को पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जिला के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग व्यस्क व्यक्तियों एवं सर्वश्रेष्ठ बालक/बालिका हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ ब्रेलप्रस के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार, दिव्यांगजन के लिए सर्वोत्तम अनुकूल वेबसाइट हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार एवं दिव्यांगजन के सशक्तीकरण हेतु कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार। सम्बन्धित श्रेणी के पुरस्कारों हेतु आवेदन पत्र का निर्धारित प्रारूप (जो कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 की वेबसाइट hwd.up.nic.in पर उपलब्ध है)।
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, लखनऊ रजनीश किरन ने बताया है कि इच्छुक व्यक्ति एवं स्वैच्छिक संस्थान ”राज्य स्तरीय पुरस्कार” हेतु आवेदन पत्र पूर्ण विवरण/अभिलेखों/प्रपत्रों सहित 03 प्रतियों में किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, जिला पंचायत भवन परिसर, कैसरबाग, लखनऊ में दिनांक 15 जुलाई, 2024 तक जमा कर सकते है।

Related Articles

Comments

Back to Top