गो-आश्रय स्थलों में शीतलहर से बचाव और चारा आदि के विशेष प्रबन्ध किए जाएं: योगी

जनपत की खबर , 336

लखनऊ: ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी पर्वों एवं त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के सम्बन्ध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस कमिश्नरों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकगण के साथ समीक्षा की तथा व्यापक जनहित में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस विशेष बैठक में अयोध्या, गोरखपुर और प्रयागराज के मंडलायुक्त ने अलग-अलग प्रस्तुतिकरण कर अपनी तैयारियों से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया और मार्गदर्शन प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला के बालरूप के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा का बहुप्रतीक्षित समारोह होने वाला है। देश-विदेश से धर्म, राजनीति, उद्योग, विज्ञान, सिनेमा, साहित्य, कला सहित अनेक क्षेत्रों के लब्ध प्रतिष्ठजन, संत समाज इसके साक्षी होंगे। मकर संक्रांति से गोरखपुर में खिचड़ी मेला, प्रयागराज में माघ मेला प्रारम्भ हो रहा है। जनपद फर्रुखाबाद में भी प्राचीनकाल से कल्पवास की व्यवस्था है। 
आगामी 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन है। आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह है।  कानून-व्यवस्था की दृष्टि से आने वाला समय अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में हमें पुख्ता इंतजाम करने होंगे। यह समय हमारे लिए प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का भी सुअवसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामलला के विराजने के चिर प्रतीक्षित अवसर पर जनभावनाओं का गहरा जुड़ाव है। भव्य-दिव्य मंदिर में भगवान के विराजने के इस अवसर पर दिन में लोग देव मंदिरों में भजन-कीर्तन करेंगे और सायंकाल ‘श्रीरामज्योति’ जलाकर दीपोत्सव मनाएंगे। विपुल आस्था, आह्लाद और आनन्द के इस ऐतिहासिक अवसर पर शिक्षण संस्थाओं और शासकीय कार्यालयों सहित पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश होगा। मदिरा आदि की दुकानें बंद रहेंगी। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर माघ मेला की तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं। माघ मेले का पहला स्नान 15 जनवरी को होगा। हर श्रद्धालु-हर कल्पवासी अपने व्रत-संकल्प की पूर्ति अपनी आस्था अनुरूप कर सकें, इसके लिए हमें अच्छी व्यवस्था देनी होगी। उनकी जरूरतों का ध्यान रखना होगा। साधु-संतों और कल्पवासियों से संवाद बनाएं। भूमि-आवंटन बेहतर ढंग से करें। यह आयोजन प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का पूर्वाभ्यास है। प्रयागराज माघ मेले में प्रयास हो कि श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े। 
गोरखपुर में श्रीगोरखनाथ मन्दिर के आस-पास की सड़कों का सुदृढ़ीकरण करा लिया जाए। मेला परिसर में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करें। मेला परिसर में निर्बाध बिजली आपूर्ति कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खिचड़ी मेला, गोरखपुर की सुरक्षा के लिए पूरे क्षेत्र को सुपर जोन/जोन में बांटकर कार्ययोजना लागू करें। हर सुपर जोन की जिम्मेदारी ए0एस0पी0 स्तर के अधिकारी को दें। जगह-जगह पब्लिक एड्रेस सिस्टम, फायर सेफ्टी, सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जाएं।
14 जनवरी से अयोध्या से प्रदेशव्यापी स्वच्छता का विशेष अभियान प्रारम्भ हो रहा है। मुख्यमंत्री जी स्वयं अयोध्या में उपस्थित रहेंगे। इस अभियान से शिक्षकों, विद्यार्थियों, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़ें। हर देव मन्दिर, चिकित्सालय, विद्यालय, सड़क, गली की साफ-सफाई हो। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग न करने के लिए जनजागरुकता बढ़ायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 22 जनवरी के बाद अयोध्या में हर दिन 2-3 लाख श्रद्धालुओं के आगमन की सम्भावना है। अयोध्या प्रशासन को इसके लिए तैयार रहना होगा। पार्किंग और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। परिवहन विभाग कम से कम 500 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जाए। सुरक्षा के लिए 24×7 मुस्तैद रहना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में होटलों/धर्मशालाओं/टेंट सिटी और होम स्टे की आवासीय सुविधा को और बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है। इनकी संख्या को बढ़ाया जाना आवश्यक है। जो लोग भी यहां रुकें उन्हें बेहतर आतिथ्य मिले। मेलों आदि के अवसर पर जब बड़ी संख्या में आमजन की उपस्थिति रहती है, ऐसे मौके पर टप्पेबाज, छिनैती करने वाले सक्रिय हो जाते हैं। इन पर विशेष निगरानी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ठंड और कोहरे का बड़ा असर है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी व्यक्ति ठंड से ठिठुरता न हो। हर जरूरतमंद को कम्बल उपलब्ध कराएं। रैन बसेरों को एक्टिव करें। अधिकारीगण फील्ड में उतरें। सेवाभाव के साथ जरूरतमन्दों की मदद करें। ठंड के मौसम में हमें पशुओं का भी ध्यान रखना होगा। गो-आश्रय स्थलों में शीतलहर से बचाव और चारा आदि के विशेष प्रबन्ध किए जाएं। 
अयोध्या के साथ-साथ जहां कहीं भी मेलों का आयोजन हुआ है, वहां जन सहायता और खोया-पाया डेस्क लगाए जाएं। अयोध्या में कम से कम 10 हजार से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जाने चाहिए। मेलों को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। पार्किंग स्थलों की संख्या आवश्यकतानुसार बढाएं।
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दृष्टिगत अयोध्या आने वाले हर मार्ग को ग्रीन काॅरिडोर के रूप में तैयार किया जाए। कहीं भी अतिक्रमण न हो। अपरिहार्य स्थिति को छोड़, कहीं भी कोई वाहन न खड़ा हो। यदि ऐसा होता हुआ पाया जाये तो उस वाहन को तत्काल क्रेन से हटाया जाए। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 24 जनवरी को यू0पी0 दिवस का समारोह है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है। पूरे प्रदेश को इन कार्यक्रमों से जोड़ा जाए। राज्य सरकार के सभी लोक कल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों/कार्मिकों को इसे समझना चाहिए। शासन में तैनात वरिष्ठ अधिकारी हों या फील्ड में नियुक्त अधिकारी, हर किसी की यह जिम्मेदारी है कि आई0जी0आर0एस0 पर प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता के साथ त्वरित निस्तारण किया जाए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही, देरी स्वीकार नहीं की जाएगी। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0जी0आर0एस0 में मिलने वाले आवेदन हों या सी0एम0 हेल्पलाइन अथवा थाना, तहसील, विकास खण्ड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ता, सबकी सुनवाई की जाए। पीड़ित, परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें। उसकी भावना का सम्मान करें और पूरी संवेदनशीलता के साथ उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। जनसुनवाई को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए आमजन की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराएं। थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए। 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0जी0आर0एस0/सी0एम0 हेल्पलाइन को लेकर संवेदनशील विभागों ने अच्छा कार्य किया है। ऐसे विभागों, जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों, थानों और तहसीलों से अन्य को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। संतोषजनक प्रदर्शन न करने वाले जिलों, थानों और तहसीलों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है। जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले विभाग के फील्ड में तैनात अधिकारी हर दिन न्यूनतम एक घंटा जनसुनवाई के लिए जरूर नियत करें।
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