शब्दों से साक्षात्कार करने पुस्तक मेला शुरू

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लखनऊ।

बाल संग्रहालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला शुरू

शब्दों से साक्षात्कार करने लगे किताबों के रसिया

साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों का दौर भी प्रारम्भ

लखनऊ, 25 मार्च। हाथों में आते ही किताबें बोलने लगीं। शब्द कहीं तस्वीर और कहीं साक्षात दृश्य सा खींचने लगे। पुस्तक मेले में आकर कुछ ऐसा ही अहसास पुस्तक प्रेमियों को बाल संग्रहालय चारबाग में आज से प्रारम्भ लखनऊ पुस्तक मेले में हुआ। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ थीम पर आधारित यह लखनऊ पुस्तक मेला तीन अप्रैल तक जारी रहेगा। मेले के आगाज के साथ ही यहां साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों का दौर भी शुरू हो गया। 

फीता काटने के संग ही दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का उद्घाटन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रामजीदास ने किताबों का महत्व बताते हुए कहा कि पुस्तकों में सहेजा हुआ ज्ञान ही सबसे प्रामाणिक माना जाता है। पुस्तकें व्यक्ति का मार्ग प्रशस्त करती हैं। उत्तर प्रदेश ओलम्पिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने मेले की थीम और चाणक्य के वक्तव्यों के उदाहरण देते हुए कहा कि नदियों को जोड़ने जैसे लोक कल्याण की भावना से भरे कार्य वर्तमान सरकार में हों रहे हैं। इससे पहले ज्योति किरन रतन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने पुस्तक प्रेमियों को 2003 से चले आ रहे पुस्तक मेले के आयोजनों और बदलते आयामों और थीम से परिचित कराया और कहा कि पहली बार कोलकाता पुस्तकालय भी मेले में शामिल हो रहा है। निदेशक आकर्ष चंदेल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि यह 10 दिवसीय मेला तीन अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलेगा। कोविड-19 का पालन करते हुए मेले में निःशुल्क प्रवेश मिलेगा। साथ ही हर किताब पर न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट मिलेगी। स्थानीय लेखकों की प्रकाशित पुस्तकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल लगाया गया है।

मेले में हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू और सिन्धी जैसी कई भाषाओं की पुस्तकों के साथ अन्य सम्बंधित सामग्री के स्टाल सजे हैं। प्रमुख प्रकाशकों में प्रकाशन विभाग, नेशनल बुक ट्रस्ट, भारतीय ज्ञानपीठ, नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता, वाणी प्रकाशन, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, सस्ता साहित्य मण्डल, सिंधी भाषा राष्ट्रीय परिषद, श्रीरामकृष्ण मिशन, प्रकाशन संस्थान, स्कालर्स हब आदि शामिल हैं। आज शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संकल्प फाउण्डेशन की ओर से आयोजित म्यूजिक फार पीस कार्यक्रम में डा.वंदना सिंह व डा.राजेश सिंह ने संगीत चिकित्सा के बारे में बताया और शशि सिंह, श्रेया सिंह, आलोक पाण्डेय, अर्चना पाण्डेय, अनुष्का सिंह, प्रिया भारती व तनु भारती ने- मिलती है जिंदगी में...., जाने क्यों लोग मुहब्बत...., दिल क्या करे.... व संसार है इक नदिया...जैसे गीतों से समां बांधा। 

ज़िला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस कमिशनरेट स्मार्ट सिटी के संग ही रेडियोसिटी, ऑर्गेनिक इंडिया, किरण फाउण्डेशन, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, ऑरिजिंस, विजय स्टूडियो, सेफ एक्सप्रेस, विश्वम फाउण्डेशन, समग्र, स्टार टेक्नोलॉजीज आदि के सहयोग से आयोजित इस मेले में कल विविध आयोजनों के साथ ही युवाओं के विविध कार्यक्रम प्रमुख रूप से होंगे। उद्घाटन अवसर पर डा.अमिता दुबे, ऋषभ रस्तोगी, विशाल श्रीवास्तव व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

26 मार्च के कार्यक्रम

प्रातः 11.00 बजे अभा अगीत परिषद का भावांजलि समारोह 

अपराह्न 01.00 बजे  युवाओं के कार्यक्रम

शाम 6.00 बजे ‘नवसमानुभूति की ओर’ पुस्तक विमोचन व काव्यगोष्ठी

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