योग हमारे तन मन व बुद्धि को स्वस्थ रखने के साथ ही हमारे अहंकार को खत्म करता है

जनपत की खबर , 47

लखनऊ। गोरखनाथ मन्दिर स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् गोरखपुर के द्वारा आयोजित साप्ताहिक योग शिविर एवं शैक्षिक कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. ए के सिंह ने कहा कि योग हमारे तन मन व बुद्धि को स्वस्थ रखने के साथ ही हमारे अहंकार को खत्म करता है। पिछले दस वर्षों में योग दिवस को पुरे विश्व में मान्यता मिली है।  हमारा निवेदन है कि आप सभी अपने जीवन में योग अपनाइए और रोग भगाइए। उन्होंने सभी को प्रतिदिन स्वयं योग करने व अपने परिवार तथा मित्रों को भी योग करवाने का शपथ दिलाया।
      मुख्य वक्ता के रूप में गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग सोनबरसा गोरखपुर की प्राचार्य डॉ॰ डी एस अजीथा ने कहा कि योग हमारे देश की प्राचीन विद्या है पहले जब हमारे आसपास इतने चिकित्सालय नहीं थे तब लोग योग के द्वारा अपने रोगों का इलाज करते थे। योग के द्वारा किसी भी रोग का इलाज संभव है। उसके लिए हमें प्रतिदिन 30 मिनट इसका अभ्यास करना होगा।
       उन्होंने कहा कि प्राणायाम हमारे जीवन में प्रकाश लाता है। आज जिम में लोग जाने लगे हैं, जिम में हमारी शरीर स्वस्थ हो सकती है किंतु मन स्वस्थ नहीं हो सकता। आज हम लोगों को हार्ट अटैक की समस्या बढ़ गई है इसका कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता है। हम जब योग करते हैं तो हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म बनता है जो हमारे कोलेस्ट्रॉल को घटाता है, इसके द्वारा हमारा नर्वस सिस्टम सक्रिय हो जाता है। 
     विशिष्ट वक्ता के रूप उपस्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय स्थित आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ॰ मञ्जुनाथ ने कहा कि योग एक ऐसी विद्या है जो पूरी तरह से मुफ्त में हमें स्वस्थ रखती है। हमारी दिनचर्या में योग अपनाने से हम न केवल स्वस्थ रहेंगे अपितु हम अपने जीवन के उद्देश्यों को सफलता से प्राप्त कर सकते हैं। योग विज्ञान हमारे शरीर के अंदर शारीरिक एवं मानसिक वातावरण को सुंदर बनाता है। प्राणायाम और षट्कर्म के द्वारा हमारी शरीर पुष्ट एवं निरोगी होती है।
       समारोह की अध्यक्षता कर रहे महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर यू पी सिंह ने कहा कि योग हमारे भारत देश एवं पूरे विश्व की अमूल्य निधि है।योग को समझने के लिए हमें गीता का अध्ययन करना चाहिए गीता का प्रत्येक अध्याय योग है महात्मा गांधी ने कहा है कि मैं जब तनाव युक्त होता हूं तो गीता माता की गोंद में चला जाता हूं उसमें मुझे सभी समस्याओं का समाधान मिल जाता है योग ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम तन मन बुद्धि और आत्मा को स्वस्थ और सुखी बना सकते हैं।
        कार्यक्रम का प्रारंभ अचार्य डॉ॰ प्रांगेश मिश्र के मंगलाचरण व छात्र आदित्य पाण्डेय विवेक पाण्डेय के गोरक्षाष्टक पाठ से हुआ ।
       सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन डॉ॰ अरविन्द कुमार चतुर्वेदी ने किया।
     इस अवसर पर गोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ॰ अतुल बाजपेयी, डॉ॰ रामजन्म सिंह, डॉ॰ प्रदीप कुमार राव, डॉ॰अजय कुमार पाण्डेय, डॉ॰ रोहित मिश्र, डॉ॰ दिग्विजय शुक्ल, बृजेश मणि मिश्र, डॉ॰ अभिषेक पाण्डेय, पुरुषोत्तम चौबे, दीपनारायन सहित शिक्षा परिषद् की विभिन्न संस्थाओं के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।

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