5000 एनएचएम कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेज कर अपनी समस्या बताई

जनपत की खबर , 210

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम करने वाले करीब 5000 कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेज कर अपनी समस्या बताई है। अभी करीब 5000 पत्र और मुख्यमंत्री को कर्मचारी भेजेंगे। जनरल डाक, स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री के माध्यम से यह पत्र मुख्यमंत्री को भेजे जा रहे हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति आज अलग होती, यदि केंद्र सरकार की तरफ से जारी तीन प्रतिशत अतिरिक्त बजट का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश सरकार ने किया होता। यही बात याद दिलाने के लिए कर्मचारी सरकार को पत्र भेज रहे हैं। पत्र को भेजने का यह अभियान 12 फरवरी से शुरू हुआ था, जो 22 फरवरी तक जारी रहेगा। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया है कि साल 2016 से  भारत सरकार लगातार 3% अतिरिक्त बजट राज्यों को वेतन विसंगति दूर करने के लिए देती है। जिसका उपयोग हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार सरकार ने किया है। उन राज्यों में वेतन नीति का निर्धारण कर संविदा कार्मिकों की वेतन विसंगति दूर की गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और प्रदेश सरकार के ध्यान न देने कारण अभी तक आठ साल बाद भी उस बजट का उपयोग नही हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार यदि केंद्र सरकार की तरफ से जारी 3% अतिरिक्त बजट का इस्तेमाल करती तो संविदा कर्मियों की आर्थिक स्थिति आज अलग होती। यही कारण है कि संविदा कर्मचारी 10 दिनों में 12 फरवरी से लेकर 22 फरवरी तक पूरे प्रदेश से लगभग 10 हजार पत्र डाक के माध्यम से मुख्यमंत्री को भज रहे हैं। इसके बाद 25 फरवरी को आगरा मे नेशनल हेल्थ मिशन में कार्यरत कर्मचारियों की एक बैठक होगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय होनी है उन्होंने बताया कि अभी करीब 5000 पत्र भेजे गए हैं, अपनी मांगों को लेकर अभी 5000 पत्र और भेजना बाकी है।

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