“मिस अहलूवालिया” की अदाओं ने दर्शकों को गुदगुदाया

जनपत की खबर , 345

 लखनऊ कम्युनिकेशन सोसाइटी द्वारा दबीर सिद्दीकी के निर्देशन में वाल्मीकि रंगशाला में हुआ मंचन

लखनऊ शनिवार 24 अगस्त। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सहयोग से शहर की सक्रिय सांस्कृतिक संस्था लखनऊ कम्युनिकेशन सोसाइटी द्वारा “मिस अहलूवालिया” हास्य नाटक का मंचन दबीर सिद्दीकी के कुशल निर्देशन में शनिवार 24 अगस्त को गोमती नगर स्थित संगीत नाट्य अकादमी उत्तर प्रदेश के वाल्मीकि रंगशाला में किया गया।
“मिस अहलूवालिया” नाटक में दिखाया गया कि हॉस्टल में रहने दो युवकों को दो युवतियों से प्यार हो जाता है। बात जब विवाह तक पहुंच जाती है तब युवतियां शर्त रखती हैं कि जल्द से जल्द वह युवक अपने अभिभावकों से उनके माता-पिता को मिलवाएं और इस रिश्ते के लिए उनकी रजामंदी हासिल करें। ऐसे में युवक अपनी मौसी को अभिभावक के रूप में मिलवाने की योजना बनाते हैं पर वह भी किसी कारण से उन तक नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में मजबूरी में दोनों युवक अपने एक दोस्त को ही मौसी “मिस अहलूवालिया” बनाकर ले आते हेँ। शुरुआत में तो बात बनती दिखती है पर हास्यजन्य परिस्थितियों से गुजरते नाटक के अंत में आखिरकार सच सामने आ ही जाता है। दर्शकों ने अंत तक इस नाटक का भरपूर आनन्द लिया।
इस हास्य नाटक में कलाकारों ने विभिन्न किरदारों को प्रभावी रूप से मंच पर अभिनीत किया। इसमें समीर की भूमिका संकल्प भारती, प्यारेलाल की सनुज प्रजापति, पटला पाशा की शशांक पांडेय, शैल की रुचि रावत, मीना की अनामिका सिंह, जीवन की विपिन प्रताप राव, भावतरण की रोहित श्रीवास्तव, विशाललक्ष्मी अहलूवालिया की प्रियंका और दुर्योधन सहित विवाह अधिकारी की भूमिका अंशुल पाल ने अदा कर दर्शकों की तालियां बटोरीं। दबीर सिद्दीकी के निर्देशन में हुई इस प्रस्तुति में रहमान कार्यशाला निर्देशक और निशू त्यागी वर्कशॉप निर्देशिका रहीं। राजू की प्रकाश परिकल्पना, दानिश की मंच सज्जा, एम अभिषेक की  मुख्य सज्जा, धीरेन्द्र कुमार के नाट्य संगीत और अनामिका सिंह की वेशभूषा, न केवल नाट्यानुरूप रहीं बल्कि उसने ने नाट्यरसता को भी बढ़ाया। इस प्रस्तुति के प्रदर्शन हेतु दबीर सिद्दीकी ने संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश का आभार प्रकट किया।

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