सीबीआई अदालत, लखनऊ ने राजू पाल को सुनाई सजा

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लखनऊ।

 

*नामित सीबीआई अदालत, लखनऊ ने राजू पाल, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विधायक  की हत्या से संबंधित मामले में सात आरोपियों को दोषी ठहराया एवं  अदालत में उपस्थित छः दोषियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ कुल  11.65 लाख  रु. जुर्माने की  सजा सुनाई*

सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, लखनऊ की विचारण अदालत ने श्री राजू पाल, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विधायक  की हत्या से संबंधित सीबीआई के एक मामले में आज 07 आरोपियों  को दोषी ठहराया। आरोपियों यथा  (1)आबिद, (2) फरहान अहमद, (3) इसरार अहमद, (4)जावेद, (5)गुलहसन, (6)रंजीत पाल एवं (7)अब्दुल कवि  को भारतीय दंड संहिता  की धारा 120-बी, 147, 148, 149, 302, 307, के तहत दोषी ठहराया। आरोपी फरहान अहमद को भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोषी ठहराया गया।

अदालत में उपस्थित छः दोषियों  (i) आबिद, (ii) फरहान अहमद, (iii) जावेद, (iv) गुलहसन, (v) रंजीत पाल और (vi) अब्दुल कवि को आजीवन कारावास की सजा के साथ कुल 11.65 लाख  रु. के जुर्माने की सजा सुनाई गई। सजा पर बहस के दौरान, दोषी  इसरार अहमद अदालत में अनुपस्थित रहा, अत: अदालत ने उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट (NBW)जारी किया  एवं  उसकी सजा की अवधि अदालत के समक्ष  उपस्थिति के समय तक के लिए टाल दी गई।

सीबीआई ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनाँक 22-01-2016 को जारी आदेश पर  दिनाँक 08.04.2016 को तत्काल मामला दर्ज किया एवं पूर्व में धूमनगंज पुलिस स्टेशन, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में दर्ज प्राथमिकी संख्या 31/2005 की जांच को अपने हाथों में लिया। शीर्ष अदालत के निर्देश,  मृतक की पत्नी द्वारा निष्पक्ष एवं शीघ्र विचारण की मांग करते हुए दायर ‘समादेश याचिका संख्या(आपराधिक) 1458/2015’ से उत्पन्न ‘सीए संख्या 77/2016,’ में दिए गए। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को मामले में शुरू से  जांच(De Novo investigation) करने का भी निर्देश दिया एवं  यह भी निर्देश दिया कि विचारण अदालत, विचारण  तीव्रता  से समाप्त करेगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने धूमनगंज पुलिस स्टेशन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन विधायक श्री राजू पाल एवं  उनके दो सहयोगियों श्री देवी दीन पाल व  श्री संदीप यादव की दिनाँक  25.01.2005 को हत्या के संबंध में अशरफ तथा  अतीक अहमद व  अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध  मामला दर्ज किया। यह आरोप था कि दिनाँक 25.01.2005 को लगभग 3.00 बजे जब श्री राजू पाल अपने सहयोगियों के साथ घर लौट रहे थे, तो अमित दीप मारुति एजेंसी के पास 7-8 लोगों ने उनके वाहन को रोका। यह भी आरोप था  कि आरोपी अशरफ एवं अन्यों  ने गोली मारकर पीड़ित की हत्या कर दी। आगे यह भी आरोप था  कि हत्या तत्कालीन लोकसभा सदस्य श्री अतीक अहमद के इशारे पर की गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दायर किया था। बाद में, मामला सीबी-सीआईडी, उत्तर प्रदेश  को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसने 03 पूरक आरोपपत्र दायर किए।

शुरू से  जांच(De Novo investigation) करने के पश्चात, सीबीआई ने 10 आरोपी व्यक्तियों यथा  (i) खालिद अजीम @अशरफ (ii) अतीक अहमद (iii) रंजीत पाल, (iv) आबिद, (v) फरहान अहमद, (vi) इसरार अहमद, (vii) जावेद, (viii) गुलफुल @ रफीक, (ix) गुलहसन और (x) अब्दुल कवि के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता  की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120-बी के तहत आरोप पत्र दायर किया। आरोपी अतीक अहमद एवं  फरहान अहमद पर क्रमशः भारतीय दंड संहिता की धारा 506 व शस्त्र अधिनियम की  धारा 27 के तहत भी आरोप पत्र दायर किए गए। सुनवाई की कार्यवाही के दौरान, आरोपी  गुलफुल उर्फ रफीक की मृत्यु हो गई, इसलिए, उसका नाम विचारण  से हटा लिया  गया।

अदालत ने दिनांक 20.10.2022 को 09 आरोपियों  के विरूद्ध आरोप तय किए। विचारण  के दौरान, आरोपी अतीक अहमद एवं  अशरफ की मृत्यु हो गई, इसलिए उनके विरुद्ध विचारण हटा लिया गया।

विचारण के पश्चात अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया एवं उन्हे  सजा सुनाई।

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